Product Summery
Author: David Brooks
paperback
₹ 315
₹ 350
‘द सेकेंड माउंटेन न सिर्फ बड़े पैमाने पर पाठकों के बीच लोकप्रिय होगी, बल्कि यह अनगिनत लोगों की ज़िंदगी बदलने में अहम भूमिका निभाएगी’ - द अटलांटिक ‘प्रभावशाली... यह तर्क देता है कि हमें तब तक संतुष्टि प्राप्त नहीं होगी जब तक कि हम किसी उद्देश्य या समाज के प्रति समर्पित नहीं होंगे’ - गार्डियन ‘सुंदर, ज्ञानवर्धक और गहन... ब्रूक्स अपनी बात को बेझिझक और बिना किसी संकोच के व्यक्त करते हैं। वे घोषणा करते हैं कि, हमारी अहंकार से ग्रस्त संस्कृति का अति-व्यक्तिवाद एक कारागार है’ - द न्यू यॉर्क टाइम्स बुक रिव्यू ‘ब्रूक्स ने एक प्रेरणादायक उद्धार की कहानी प्रस्तुत की है। वह हमें अपनी पर्वत यात्रा पर ले जाते हैं। पर्वत के पहले शिखर की चढ़ाई बाहरी सफ़लता से जुड़ी है। फिर यह यात्रा पर्वत की तलहटी में स्थित विरक्ति और संदेह की घाटी में पहुंचती है। अंतत: यह दूसरे पर्वत शिखर तक का सफर तय करती है, जहां प्रतिबद्धता और समुदाय का विशेष महत्व है... यह किताब भावनात्मक रूप से गंभीर, अधिकतर प्रभावशाली और असाधारण रूप से सटीक व गहन है। यह श्रेष्ठ अर्थों में ‘आशावादी' है’ - वाशिंगटन पोस्ट