Author: Ravi Mantri

अम्मा की डायरी के कुछ पन्ने ! | हिंदी बुक | रवी मंत्री | Amma Ki Diary ke kuchh Panne | Hindi Book | Ravi Mantri

  • Pages : 224
  • Category : Fiction
  • ISBN : 9789349965942
  • Publisher : MyMirror Publishing House Pvt.Ltd.
  • Availability : In Stock
  • Edition : Hindi Edition
  • Dimensions : 21 cm * 2 cm* 14 cm

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paperback

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तेलुगु भाषा में प्रकाशित होने के बाद बहुत ही कम समय में बेस्टसेलर साबित हुई। इतना ही नहीं बल्कि यह किताब आज भी बेस्टसेलर की श्रेणी में बनी हुई है। अब यह किताब आपके सामने हिंदी भाषा में उपलब्ध है। जिस तरीके से दक्षिण के लोगों ने इस किताब को और इसकी कहानी को पसंद किया है, हमें पूरा यकीन है कि पूरे भारतभर के हिंदी पाठक इस कथा की भरपूर प्रेम देंगे। यह एक ऐसी प्रेम कहानी है, जो हर एक को अपने अंदर झांकने के लिए प्रेरित करेगी।

किताब से कुछ पंक्तियां एक बात बताओ.... क्या कभी किसी ने आपको पत्र लिखा है? प्रेम पत्र हो या साधा पत्र। अच्छा जाने दो, आपने कभी किसी को पत्र लिखा है? मुझे ऐसा लगता है, हम लोग रोज बातचीत करते हैं, उसे शब्दों के रूप में सजाकर कागज पर लिख देने पर वह पत्र बन जाता है। ऐसा समझने वाला में एक सीधा साधा व्यक्ति हूं। आज पता नहीं क्यों, मेरा मन आपको एक प्रेम कहानी सुनाने का कर रहा है। आपको, पत्र पढने की आदत है या नहीं, यह जाने बिना ही में लिख रहा हूं, एक मा की प्रेम कहानी। जब मुझे लगा कि एक मां की भी प्रेम कहानी हो सकती है, तभी से शायद यह यात्रा शुरू हुई। ये एक मां की डायरी के कुछ पन्ने हैं। वे प्रेम पत्र जो उसने चांदनी रातों में, लहरों को निहारते हुए, अपने सपनों को छिपाते हुए लिखे थे। यह एक मां की प्रेम कहानी है।

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